काश की वो मुझे मिल पाती या काश की मै उस ? सच्ची प्रेम कहानी

लब्जो ही लब्जो ही मे वो अपनी ही लब्ज सुना जाती काश की मै आपकी हो पाती
बात उस समय की है जब मै वर्ग ६ मे पढ़ता था उस समय मै काफी नटखट हुआ करता था लो पर आज देख लो मै उस दुनिया को बहुत ही पिछे छोड़ आया हु पड़ आज ऐसा क्यो लग रहा है की मै उसकी दुनिया मै वापस लोट जाऊ मेरा नटखट पन दोस्तो की दोस्ती या कुछ ओर मै समझ नहीं पा रहा मै कुछ समझ नहीं आ रहा है की मै अपनी बीति हुऐ ज़िंदगी मै कैसे वापस लोट जाऊ कास की कोई रास्ता होता ओर मै अपनी भूली बिसरी ज़िन्दगी मे लोट जाऊ आब तो बस यादों का एक ढ़ेर सा रह गया है मेरी ज़िन्दगी मे मै चाह कर भी अपनी भूली बिसरी ज़िन्दगी मे नहीं लोट सकता पर मे अपनी ये यादों का क्या करू जिशे मै भुला ही नहीं पा रहा हु मै अभी तक उस इंसान का जीक्र ही नहीं किया मै अपनी ज़िन्दगी का हर लम्हा तो भूल सकता हु पर उस लड़की को कशे भूल जाऊ याद है मुझे जब मै उस को पहली वार देखा था तो मै उसे देखता ही रह गया पता नहीं मैंने उस मे क्या देखा या मुझे उस मै क्या दिखा मै नहीं जनता पर इतना जरूर जनता हु की मै उस से कभी भूल नहीं पाऊगा ओर न ही मै उस स्कूल को भी भूल पाऊगा अब सुरू हुई कहानी उस लड़की की जिसे मै प्यार करता हु अच्छे से याद है मुझे ओ दिन जब मेरे किशि कारण वास उसे टिचर से डाट पड़ी मै वो दिन कैसे भूल सकता हु अब तो मुझे अपने आप पर बहुत ही आधिक गुस्सा होने लगा फिर दूसरे दिन वो स्कूल नहीं आई तो मुझे बहुत ही अफसोच हुआ पता नहीं मुझे क्यू ऐसा लगने लगा की मै ने कोई बहुत बरा जुर्म कर दिया हु उस दिन मेरा मन स्कूल मै नहीं लग रहा था अपने आप मे मै बहुत आधिक गिल्टी फ़िल कर रहा था मुझ से रहा नहीं गया तो मै उस के दोस्त से पूछा की आज तुम्हारी दोस्त क्यो नहीं आई तो उस ने कही आज उसे बुखार है मै तो दंग रह गया चोथेदिन जब वो स्कूल आई तो वो मुझसे कुछ नहीं कही मै समझ गया की वो मुझ से गुस्सा है पर मै क्या करता अचानक टिफ़िन हो गई जिस वक्त मै क्लास रूम मै था तो उस वक्त सिर्फ वो ही थी मरे क्लासरूम मै मैंने बोला क्या तुम अपना केमिस्ट्री का फैयर लाई हो तो उस ने गुस्से मे मुझ से कहा की तुमको मेरे फैयर क्या मतलब मैंने कहा ठीक है कोई बात नहीं आचनक वो क्लासरूम से बाहर निकाल गई मै क्लासरूम मै अकले था मेरे मन को पता नहीं क्या हुआ मैने उसका स्कूल बैग देखा तो दंग सा रह गया क्यो की उस ने मुझ से छुपा के मेरी कुछ यादों को बहुत ही आधिक समहाल कर रखी हुई थी मै उस से क्या कहता मै उस ने जब की वो केमिस्ट्री का फैयर नहीं लाए है तो मेरा मन नहीं माना तो मै ने आफ्ना ही केमिस्ट्री का फैयर उस के बैग मै रख दिया अचानक टिफ़िन की छुट्टी खतम हुई केमिस्ट्री के टिचर आये ओर बोले चलो तुम लोग अपने अपने केमिस्ट्री का फैयर निकाल लो शायद उसे याद नहीं था की केमिस्ट्री का फेयर नहीं लाई है उसने आपने बैग देखा तो उस मै उसे एक एक्सट्रा कॉपी मिली उसने उस निकली इतने मे उस से केमिस्ट्री के टिचर ने ओ कॉपी ले ली फैयर का कॉपी देख टिचर ने उसे कुछ नहीं कहे अब मारी बारी आने वाली थी मै क्या करता मजबूरन मुझे केमिस्ट्री के टिचर से डाट सूनना पड़ा पर मर नहीं पड़ी सारे बच्चे स्कूल से निकाल चुके थे वो भी स्कूल के कैम्पस से निकाल कर बाहर मे खड़ी थी मै भी स्कूल से निकाल ही रहा था की मेरी नजर उस पे परी वो आखे भरी स्कूल के केम्प्स खड़ी मिली तो मुझ से रहा नहीं गया तो मैंने उससे कहा क्या हुआ क्या हुआ तो उसने गुस्से से मेरा हाथ पकड़ कर ऐक ओर ले के चली गई ओर रोने लगी मै तो काफी आधिक डार गया पता नहीं इसको क्या हो गया मैंने उस से पूछा क्या हुआ मुझसे कोई गलती हो गई है क्या वो मेरी कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थी मै क्या करता मैंने गुस्से से पूछा क्या हुआ तो उस ने बोली तुम ऐसा कियो किया मै ने पूछा क्या किया मैंने तो उस ने बोली तुम आफ्ना केमिस्ट्री का कॉपी मेरे बैग मे क्यो रख दिया आब मै क्या कहता मै चुप हो सा गया मैंने कहा सोर्री गलती हो गई उस ने मुझे मेरा कॉपी दे दि ओर बोली तुम को आब मै क्या कहु फिर वो आपने घर को जाने लगी आचनक क्या हुआ फिर ओ मेरे पास आ गई बोली थैंक्स तुम ने जो आज मुझे बचा लिया फिर वो अपने घर को चली गई पता नहीं क्यो मुझे लगाने लगा की ओ मुझसे प्यार करने लगी है पर मै कुछ कहने से डरता था अब हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो चुकी थी |
अब हम दोनों के बीच कुछ ऐसा हो गया था की अगर रविवार को स्कूल बंद भी हो जाता तो मै सोचते स्कूल क्यो बंद हो गया है |
एक दिन स्कूल मे उसे देखे बिना मन को चेन नहीं मिल पाती या आप यू कह लो मन को शांति नहीं मिलती |
जब मुझे पता चला की मै घर जा रहा हु तो मै रो पड़ा क्योकि कोई मेरा मुझ से छूट रहा था

पर अब इन सब बातो का क्या फियदा आचनक कुछ ऐसा हुआ की मुझे हॉस्टल छोड़ना पड़ा ओर मै आपने घर को चला आया मै उसे बाय भी नहीं कह पाया
मै उसका नाम तो भूल गया पर उसका चेहरा नहीं भुला पाया हु |
वही खुली हुई बाल आखों पे चस्मा |
आज तक मै उस लड़की को नहीं भूल पाया हु न ही उस लड़की को भूल पाऊगा |
उस समय मै क्लास ६ मे पढ़ रहा था ओर मै आज क्लास बी॰ए पढ रहाहु
ज़िन्दगी मे ज़िंदा रहने के लिये किसी की याद ही काफी है किसी से प्यार करो न की उसे बदनाम करो
मै राहे देखूगा कब मै उसे मिल पाउगा पता नहीं ओ मिल भी पयेगी या नहीं काश की वो मुझे मिल पाती या काश की मै उस से मिल पाता काश की वो मुझे मिल पाती या काश की मै उस से मिल पाता
Comment ( 3 )

Guest
I decided not to go to Bejznemt because of the positive reviews posted about the burgers there. Oh yeah, and because they were posted by the Bejzment chef without saying he worked there. Not cool.
Guest
School ki life me sab ko aisa ho hota h mujhe bi huaa h or aaj 3 years hone ko h na jane aab dubara mulakat hoga bi ya ni pta ni but mai usse bahot pyar krta hu.....
Guest
I like your story aur ham duaa karenge ki wo tumhe mil jaaye

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